नैदानिक मनोवैज्ञानिकों ने साबित कर दिया है कि आम लोगों ने अपनी धारणाओं को पूरा करने के लिए अतीत की अपनी यादों को बदल दिया। यह सामान्य परिस्थितियों में सभी सामान्य दिमाग कार्य करने का तरीका है।
(Clinical psychologists have proven that ordinary peoplewill alter their memories of the past to make them fittheir perceptions. It is the way all normal brains functionunder ordinary circumstances.)
नैदानिक मनोवैज्ञानिकों ने यह स्थापित किया है कि व्यक्तियों के लिए अपनी वर्तमान मान्यताओं और विचारों के साथ संरेखित करने के लिए पिछली घटनाओं की अपनी यादों को संशोधित करना आम है। यह संज्ञानात्मक प्रक्रिया मानव मस्तिष्क में स्वाभाविक रूप से होती है, यह दर्शाता है कि कैसे मन वर्तमान धारणाओं और अनुभवों को फिट करने के लिए यादों को अनुकूलित करता है।
स्कॉट एडम्स की पुस्तक "गॉड्स डेब्रिस: ए थॉट एक्सपेरिमेंट" में, यह धारणा मानव स्मृति में अंतर्निहित विषयवस्तु को उजागर करती है। यह बताता है कि अतीत की हमारी समझ न केवल वास्तविक घटनाओं से प्रभावित है, बल्कि वर्तमान में हमारे विचारों और भावनाओं से भी आकार लेती है, स्मृति और धारणा की द्रव प्रकृति का प्रदर्शन करती है।