उनके अपने पुरुष, जो सुबह में हमला करेंगे, पृथ्वी पर घुटने टेकते हैं, एक हाथ के पीछे छिपे हुए, अपने स्वयं के एक तड़पने वाली सुरंग में, एक अंधेरा जहां कोई समय नहीं था, लेकिन जहां उन्होंने मौत को देखने की कोशिश की थी।


(His own men, those who would attack in the morning, knelt on the earth, faces hidden behind one hand, in an agonizing tunnel of their own, a darkness where there was no time but where they tried to look on death.)

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सेबस्टियन फॉल्क्स की पुस्तक "बर्डसॉन्ग" में, लड़ाई की तैयारी करने वाले सैनिकों का एक मार्मिक चित्रण है। वे एक सोमरस राज्य में घुटने टेकते हैं, जो उनकी आसन्न लड़ाई के वजन से अभिभूत थे। उनके चेहरे अस्पष्ट हैं, भावनात्मक उथल -पुथल का प्रतीक है कि वे आगे की मौत की वास्तविकता का सामना करते हैं। यह क्षण उस भय और निराशा को घेरता है जो ये लोग अनुभव कर रहे हैं...

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जनवरी 26, 2025

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