डेविड मिशेल के उपन्यास "क्लाउड एटलस" में, लेखक उस चक्र की पड़ताल करता है जो दूसरों के प्रति अज्ञानता से उत्पन्न होता है। यह अज्ञानता भय को जन्म देती है, जो आसानी से घृणा में बदल सकती है। जब लोग दूसरों को नहीं समझते या उनके बारे में नहीं जानते, तो स्वाभाविक प्रतिक्रिया डरावनी हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप नकारात्मक भावनाएं और जुड़ने की अनिच्छा पैदा होती है।
यह शृंखला प्रतिक्रिया दर्शाती है कि नफरत कैसे हिंसा में बदल सकती है, जिससे एक चक्र बन जाता है जो लगातार बना रहता है। जैसे-जैसे हिंसा जारी रहती है, यह अधिकारों और कानूनों को कमजोर करती है, जिससे ऐसी स्थिति पैदा होती है जहां सबसे शक्तिशाली लोग नियमों को निर्देशित करते हैं। अंततः, यह गलतफहमी के खतरों और शांति और सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने में सहानुभूति के महत्व पर प्रकाश डालता है।