यह रोमांटिक होप की एक बेतुकी अभिव्यक्ति है।
(It is an absurd expression of romantic hope.)
माइकल क्रिच्टन के उपन्यास "स्पेरे" में, एक अवधारणा उभरती है जो रोमांटिक आशावाद के एक चरम रूप को दर्शाती है। यह विचार बताता है कि जीवन की जटिलताओं और कठिनाइयों के बावजूद, लोग अक्सर प्रेम और रिश्तों की आशावादी और आदर्शवादी धारणाओं से चिपके रहते हैं। यह उद्धरण उस गैरबराबरी पर प्रकाश डालता है जो इस तरह की अटूट आशा के साथ हो सकता है, यह दर्शाता है कि यह कैसे व्यक्तियों को अवास्तविक अपेक्षाओं के लिए प्रेरित कर सकता है।
कथा मानवीय भावनाओं और अस्तित्वगत दुविधाओं के बीच परस्पर क्रिया में देरी करती है, विशेष रूप से कैसे रोमांटिक धारणाओं को कभी -कभी वास्तविकता से अलग किया जा सकता है। यह भय, इच्छा और लालसा के मनोवैज्ञानिक प्रभावों के विषयों की जांच करता है, यह सुझाव देता है कि आशा एक शक्तिशाली बल है, यह तर्कहीन और जोखिम भरा भी हो सकता है।