नागुइब महफूज़ के "हमारे पड़ोस के बच्चे" का उद्धरण बताता है कि सच्ची खुशी केवल उन लोगों द्वारा प्राप्य है जो वास्तव में इसका पीछा करते हैं। यह इस विचार पर जोर देता है कि खुशी होने की मनमानी स्थिति नहीं है, बल्कि खुशी और पूर्ति की तलाश में ईमानदार प्रयासों के लिए एक इनाम है। यह परिप्रेक्ष्य व्यक्तियों को उनके प्रेरणाओं और इरादों पर प्रतिबिंबित करने के लिए प्रोत्साहित...