आदमी अकेले समय को मापता है। अकेले आदमी घंटे को झूमता है।
(Man alone measures time. Man alone chimes the hour.)
बोली "मैन अलोन अकेले समय को मापता है। मैन अलोन अकेले घंटे" मिच अल्बोम की पुस्तक "द टाइम कीपर" से समय को निर्धारित करने और विनियमित करने की मानव प्रवृत्ति को दर्शाता है। यह बताता है कि समय को मापने का कार्य एक विशिष्ट मानवीय प्रयास है, जो समय बीतने के माध्यम से हमारे जीवन के नियंत्रण और समझ के लिए हमारी इच्छा को उजागर करता है।
यह अवलोकन अल्बोम के काम में व्यापक विषय से बात करता है, जो अक्सर हमारे जीवन में समय के महत्व की जांच करता है। तात्पर्य यह है कि जब मनुष्य समय और उसके महत्व पर नज़र रख सकते हैं, तो वे यह भी सहन करते हैं कि वे इसका उपयोग कैसे करते हैं, जिस समय हम दिए गए समय में सार्थक रूप से जीने के महत्व पर जोर देते हैं।