कुछ भी नहीं है कि हम उन चीजों की तरह परेशान करते हैं जो हम नहीं कहते हैं।

कुछ भी नहीं है कि हम उन चीजों की तरह परेशान करते हैं जो हम नहीं कहते हैं।


(Nothing haunts like the things we don't say.)

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मिच अल्बोम की पुस्तक से "कुछ भी नहीं, जो कुछ भी हम नहीं कहते हैं" की तरह उद्धरण "ए लिटिल फेथ: ए ट्रू स्टोरी" से अनपेक्षित विचारों और भावनाओं के वजन को कैप्चर करता है। यह इस बात पर प्रकाश डालता है कि हमारे जीवन में चुप्पी और अनसुलझे भावनाएं कैसे पछतावा या छूटे हुए अवसर की भावना पैदा कर सकती हैं। जब हम यह बताने में विफल होते हैं कि वास्तव में क्या मायने रखता है, तो वे भावनाएं हमें परेशान कर सकती हैं, हमें याद दिलाती है कि हमने क्या छोड़ दिया है।

यह भावना रिश्तों में खुले संचार के महत्व पर जोर देती है। अपने विचारों और भावनाओं को साझा करके, हम गहरे कनेक्शन को बढ़ावा दे सकते हैं और अनपेक्षित शब्दों के भूतिया प्रभावों को रोक सकते हैं। अल्बोम का काम पाठकों को अपने स्वयं के जीवन और उन चीजों को प्रतिबिंबित करने के लिए प्रोत्साहित करता है जो वे चाहते हैं कि उन्होंने व्यक्त किया था, उन्हें ईमानदारी और भेद्यता को गले लगाने का आग्रह किया।

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अद्यतन
सितम्बर 03, 2025

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