अरे नहीं, उसने कहा, अभी भी मुस्कुराते हुए; उसकी आँखें प्रकाश के साथ, करुणा के साथ बह गईं। वह समझती थी कि उसे कैसा लगा, कि यह केवल एक आवेग नहीं था। लेकिन जवाब अभी भी नहीं था, और, वह जानता था, यह हमेशा होगा


(Oh no, she said, still smiling; her eyes poured over with light, that of compassion. She understood how he felt, that this was not an impulse only. But the answer was still no, and, he knew, it would always)

📖 Philip K. Dick

🌍 अमेरिकी  |  👨‍💼 लेखक

🎂 December 16, 1928  –  ⚰️ March 2, 1982
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फिलिप के। डिक के "द थ्री स्टिग्मेट ऑफ पामर एल्ड्रिच," में एक मार्मिक क्षण तब होता है जब एक चरित्र, करुणा और समझ से भरे होने के बावजूद, एक अनुरोध को अस्वीकार करना चाहिए। उसकी गर्म मुस्कान और अभिव्यंजक आँखें दूसरे व्यक्ति की भावनाओं के लिए एक गहरी सहानुभूति प्रकट करती हैं, यह सुझाव देती है कि वह अपनी भावनाओं की तीव्रता को समझती है। हालाँकि, यह समझ उसके फैसले में...

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अद्यतन
जनवरी 24, 2025

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