दूसरे लोग अपने हृदय में झाँककर मानवता पाते हैं। केवल खोई हुई आत्माओं को ही इसे अपने से बाहर खोजने की आवश्यकता है।
(Others find humanity by looking in their own hearts. Only lost souls need to search for it outside themselves.)
उद्धरण से पता चलता है कि जिनके पास स्वयं और आंतरिक शांति की मजबूत भावना है, वे अपनी भावनाओं और नैतिकता पर विचार करके अपनी मानवता और दूसरों के साथ जुड़ाव पा सकते हैं। इस आत्मनिरीक्षण दृष्टिकोण का तात्पर्य है कि समझ और करुणा भीतर से उत्पन्न होती है, जिससे व्यक्ति की अपनी मानवता की गहरी सराहना होती है।
इसके विपरीत, "खोई हुई आत्माओं" का विचार उन व्यक्तियों को उजागर करता है जो अपनी पहचान या अपनेपन की भावना के साथ संघर्ष कर सकते हैं। वे अक्सर स्वयं से बाहर सत्यापन और संबंध की तलाश करते हैं, जिससे अर्थ की निरंतर खोज हो सकती है। यह वास्तविक मानवीय संबंधों को बढ़ावा देने में आत्म-जागरूकता और आंतरिक प्रतिबिंब के महत्व को रेखांकित करता है।