सेबस्टियन फॉल्क्स के उपन्यास "एंगलबी" में, नायक स्मृति और पहचान के गहन प्रभाव को दर्शाता है। बोली, "आप किसी ऐसे व्यक्ति को याद नहीं कर सकते, जिसका नाम खराब हो गया है," व्यक्तियों की हमारी समझ को आकार देने में नामों के महत्व पर प्रकाश डालता है। यह बताता है कि जैसे -जैसे यादें फीकी पड़ती हैं, वैसे ही हम लोगों के लिए कनेक्शन करते हैं, मानव संबंधों की क्षणिक प्रकृति पर जोर देते हैं।
यह विचार इस बात पर एक मार्मिक टिप्पणी प्रस्तुत करता है कि कैसे समय व्यक्तिगत पहचान और यादों को मिटा देता है, जो हम एक बार जानते थे, केवल बेहोश निशान को पीछे छोड़ देते हैं। किसी को याद करने का संघर्ष जब उनकी पहचान अब एक नाम से लंगर नहीं होती है, तो समय के साथ मानव कनेक्शन की नाजुकता को दर्शाता है।
सेबस्टियन फॉल्क्स के उपन्यास "एंगलबी" में, नायक स्मृति और पहचान के गहन प्रभाव को दर्शाता है। बोली, "आप किसी ऐसे व्यक्ति को याद नहीं कर सकते, जिसका नाम खराब हो गया है," व्यक्तियों की हमारी समझ को आकार देने में नामों के महत्व पर प्रकाश डालता है। यह बताता है कि जैसे -जैसे यादें फीकी पड़ती हैं, वैसे ही हम लोगों के लिए कनेक्शन करते हैं, मानव संबंधों की क्षणिक प्रकृति पर जोर देते हैं।
यह विचार एक मार्मिक टिप्पणी प्रस्तुत करता है कि कैसे समय व्यक्तिगत पहचान और यादों को मिटा देता है, केवल उस बेहोश निशान को पीछे छोड़ देता है जिसे हम एक बार जानते थे। किसी को याद करने के लिए संघर्ष जब उनकी पहचान अब एक नाम से लंगर नहीं होती है, तो समय के साथ मानव कनेक्शन की नाजुकता को दर्शाता है।