चार्ल्स डिकेंस, विक्टोरियन युग के सबसे प्रमुख लेखकों में से एक, सम्मोहक आख्यानों को क्राफ्टिंग करते हुए समाज की आलोचना करने की अपनी क्षमता के लिए प्रसिद्ध है। उनके काम अक्सर गरीबों के संघर्षों और सामाजिक पदानुक्रम के भीतर अन्याय को उजागर करते हैं। "डेविड कॉपरफील्ड," 1850 में प्रकाशित किया गया था, जिसे अक्सर उनका सबसे आत्मकथात्मक उपन्यास माना जाता है, जो अपनी चुनौतियों और अनुभवों को बढ़ाते हुए दर्शाता है। कहानी बचपन से वयस्कता तक डेविड के जीवन का अनुसरण करती है, उनके व्यक्तिगत विकास और उनके द्वारा सामना किए जाने वाले विभिन्न पात्रों पर जोर देती है। प्रत्येक चरित्र को बड़े पैमाने पर खींचा जाता है, विक्टोरियन समाज के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करता है। डेविड की आंखों के माध्यम से, पाठकों ने उनकी दुनिया में उन लोगों के सामने आने वाली कठिनाइयों का गवाह है, जिससे मानव स्थिति की अधिक समझ पैदा होती है। डिकेंस की कथा शैली में ज्वलंत विवरण और एक मजबूत नैतिक कम्पास की विशेषता है, जो पाठकों को उनके पात्रों के जीवन में उलझाते हैं। उनकी स्थायी विरासत आज साहित्य और कहानी को प्रभावित करती है। चार्ल्स डिकेंस एक 19 वीं सदी के उपन्यासकार हैं, जिनके काम अक्सर विक्टोरियन समाज में वंचितों के संघर्षों को दर्शाते हैं। यादगार पात्रों और आलोचनात्मक सामाजिक मुद्दों को बनाने की उनकी क्षमता ने उन्हें अपने समय के सबसे महत्वपूर्ण साहित्यिक आंकड़ों में से एक बना दिया। "डेविड कॉपरफील्ड" के साथ, डिकेंस अपने स्वयं के जीवन के अनुभवों से खींचता है, विकास, लचीलापन और मानवीय रिश्तों की जटिलताओं में एक गहरी व्यक्तिगत अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
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