शरीर धीरे-धीरे और लगातार बढ़ता है, लेकिन आत्मा तेजी से बढ़ती है और उछलती है।

शरीर धीरे-धीरे और लगातार बढ़ता है, लेकिन आत्मा तेजी से बढ़ती है और उछलती है।


(The body grows slowly and constantly, but the soul grows rapidly and jumps.)

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एल.एम. मोंटगोमरी का "रिल्ला ऑफ़ इंगलसाइड" का कथन शारीरिक और भावनात्मक विकास की विपरीत गति को दर्शाता है। शरीर, जो समय के साथ लगातार परिपक्व होता है, शारीरिक विकास की क्रमिक प्रकृति का प्रतीक है। यह उम्र और अनुभव के साथ आने वाले रोजमर्रा के बदलावों का प्रतीक है, जो जीवन की यात्रा में धैर्य और निरंतरता पर जोर देता है।

इसके विपरीत, आत्मा की तीव्र और अनियमित वृद्धि तीव्र, परिवर्तनकारी अनुभवों का प्रतीक है जो किसी व्यक्ति के आंतरिक स्व को आकार देती है। ये छलाँगें अहसास, भावनात्मक उथल-पुथल और व्यक्तिगत अंतर्दृष्टि के क्षणों को दर्शाती हैं, जो बताती हैं कि भले ही हमारे शरीर को विकसित होने में समय लग सकता है, लेकिन हमारा आंतरिक विकास तेज़ और गहरा प्रभावशाली हो सकता है।

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अद्यतन
नवम्बर 06, 2025

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