"द लॉस्ट आर्ट ऑफ कृतज्ञता", लोगों के बीच अप्रत्याशित कनेक्शन के विषय की पड़ताल करता है। कहानी इसाबेल डलहौजी के इर्द -गिर्द घूमती है, जो विभिन्न पात्रों का सामना करती है जो उसकी धारणाओं और भावनाओं को चुनौती देते हैं। उसकी बातचीत के माध्यम से, वह सीखती है कि सहानुभूति सबसे अप्रत्याशित स्थितियों में उत्पन्न हो सकती है, जिससे खुद को और उसके आसपास की गहरी समझ हो सकती है।
यह कथा रिश्तों में कृतज्ञता के महत्व को रेखांकित करती है, यह बताती है कि वास्तविक भावनाएं कैसे अपनेपन की भावना को बढ़ावा दे सकती हैं। जैसा कि इसाबेल ने अपने अनुभवों को नेविगेट किया, उसे पता चलता है कि जो कि तुच्छ लग सकता है वह वास्तव में उसके जीवन और दूसरों के जीवन को समृद्ध कर सकता है, रोजमर्रा के आदान -प्रदान में करुणा की शक्ति का प्रदर्शन कर सकता है।