और फिर भी... यदि आप सही भी होते तो यह केवल संयोगवश होता। टूटी हुई घड़ी दिन में दो बार सही होती है।
(And yet.. even if you had been right, it would only have been by accident. A broken clock is right two times a day.)
ऑरसन स्कॉट कार्ड की पुस्तक "एंडर्स शैडो" में, अनजाने में सही होने की अवधारणा को एक टूटी हुई घड़ी के रूपक के माध्यम से खोजा गया है। इससे पता चलता है कि जब कोई सही निष्कर्ष या निर्णय पर पहुंचता है, तो यह उसकी अपनी दक्षता या अंतर्दृष्टि से नहीं, बल्कि शुद्ध अवसर से उत्पन्न हो सकता है। 'सही' होना कभी-कभी सच्ची समझ या कौशल का प्रतिबिंब होने के बजाय महज एक संयोग हो सकता है।
यह उद्धरण केवल भाग्य के क्षणों का जश्न मनाने के बजाय सच्ची क्षमता और ज्ञान को स्वीकार करने के महत्व पर जोर देता है। यह एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि सटीकता अक्सर इरादे या विशेषज्ञता के बिना उत्पन्न हो सकती है, यह उजागर करती है कि वास्तविक शुद्धता के लिए सही होने के आकस्मिक उदाहरणों से कहीं अधिक की आवश्यकता होती है।