मैं बहुत बदसूरत हूं कि मैं एक संकीर्णतावादी हूं।
(I'm too ugly to be a narcissist.)
मॉरी श्वार्ट्ज, "मंगलवार के साथ मोर्री" में, जीवन, प्रेम और मानव कनेक्शन पर गहन अंतर्दृष्टि साझा करता है। एक हड़ताली टिप्पणी वह करती है, "मैं एक संकीर्णतावादी होने के लिए बहुत बदसूरत हूं।" यह कथन उनकी विनम्रता और आत्म-मूल्य की समझ को दर्शाता है, इस बात पर जोर देते हुए कि सच्ची संकीर्णता एक गहरी बैठी असुरक्षा और अत्यधिक आत्म-फोकस से उपजी है। मॉरी का परिप्रेक्ष्य पाठकों को यह प्रतिबिंबित करने...