मैं एक दोस्त के बिना जीवन भर रहता था।

मैं एक दोस्त के बिना जीवन भर रहता था।


(I lived a lifetime without a friend.)

📖 Naguib Mahfouz

 |  👨‍💼 उपन्यासकार

🎂 December 11, 1911  –  ⚰️ August 30, 2006
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> उद्धरण "मैं एक दोस्त के बिना एक जीवन भर रहता था" इस अलगाव के सार को घेरता है, सार्थक कनेक्शनों की अनुपस्थिति द्वारा बनाए गए भावनात्मक शून्य को उजागर करता है। चरित्र की यात्रा के माध्यम से, महफूज़ दोस्ती के लिए मानवीय आवश्यकता और किसी के अस्तित्व पर अकेलेपन के प्रभाव में देरी करता है।

यह मार्मिक कथन हमारे जीवन को आकार देने में रिश्तों के महत्व की याद दिलाता है। नायक का अनुभव इस विचार को रेखांकित करता है कि भावनात्मक समर्थन और व्यक्तिगत विकास के लिए दोस्ती आवश्यक है। एक ऐसी दुनिया में जहां कनेक्शन किसी के अपनेपन की भावना को बना या तोड़ सकते हैं, महफूज़ कलात्मक रूप से दिखाता है कि कैसे एक दोस्त की अनुपस्थिति जीवन भर आत्मनिरीक्षण और खुशी और कनेक्शन के लिए चूक के अवसर पैदा कर सकती है।

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अद्यतन
सितम्बर 20, 2025

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