लोयस ने घबराया, हॉरर के साथ कठोर। अंधेरे का छींटा, सिटी हॉल के ऊपर लटका हुआ। अंधेरा इतना मोटा यह लगभग ठोस लग रहा था। भंवर में कुछ चला गया। झिलमिलाहट आकृतियाँ। चीजें, आकाश से उतरती हैं, शहर के हॉल के ऊपर पल -पल रुकती हैं, एक घने झुंड में उस पर फड़फड़ाती हैं और फिर छत पर चुपचाप गिरती हैं। आकार। आकाश से आकाश से आकृतियाँ। अंधेरे की दरार से जो उसके ऊपर लटका हुआ था। वह देख रहा था।


(Loyce gazed up, rigid with horror. The splotch of darkness, hanging over the City Hall. Darkness so thick it seemed almost solid. In the vortex something moved. Flickering shapes. Things, descending from the sky, pausing momentarily above the City Hall, fluttering over it in a dense swarm and then dropping silently onto the roof. Shapes. Fluttering shapes from the sky. From the crack of darkness that hung above him. He was seeing-them.)

📖 Philip K. Dick

🌍 अमेरिकी  |  👨‍💼 लेखक

🎂 December 16, 1928  –  ⚰️ March 2, 1982
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लोयस डर में जमे हुए थे क्योंकि वह सिटी हॉल पर अंधेरे के एक अशुभ पैच को देखते थे। यह छाया इतनी घनी थी कि यह मूर्त दिखाई दिया, जिससे एक अस्थिर माहौल बन गया। अंधेरे के इस भंवर के भीतर, उन्होंने झिलमिलाहट के रूपों को देखा जो आकाश से उतरे थे। ये आकृतियाँ छत पर चुपचाप उतरने से पहले पल -पल मंडराती थीं, उसके चारों ओर भयानक दृश्य को तेज करती हैं।

दृष्टि असली और परेशान थी, क्योंकि लोयस ने यह समझने के लिए संघर्ष किया कि वह क्या देख रहा था। अंधेरे से उभरने वाले आकृतियों ने वास्तविकता और अज्ञात के बीच की रेखा को धुंधला करते हुए, भय और प्रत्याशा की भावना पैदा की। इस घटना ने हॉरर के एक क्षण को घेर लिया, जिससे वह इस तरह के एक अजीब और अस्थिर घटना के निहितार्थ के साथ जूझ रहा था।

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अद्यतन
जनवरी 24, 2025

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