डेविड मिशेल द्वारा लिखित "क्लाउड एटलस" में, लेखक अधिकारों की नाजुक प्रकृति पर चर्चा करते हुए सुझाव देते हैं कि उन्हें समय के साथ आसानी से कमजोर किया जा सकता है, जैसे ग्रेनाइट कटाव से खराब हो सकता है। यह इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे मानवाधिकार स्थायी स्थिरता नहीं हैं, बल्कि शोषण और परिवर्तन के प्रति संवेदनशील हैं।
मिशेल सामाजिक मुद्दों की चक्रीय प्रकृति का भी पता लगाते हैं, जो दर्शाता है कि दूसरों की अज्ञानता से डर पैदा होता है, जो फिर नफरत को बढ़ावा देता है। यह नफरत हिंसा में बदल सकती है, जिससे एक ऐसा चक्र बन सकता है जो अत्याचार को मजबूत करता है, जहां केवल शक्तिशाली लोग ही नैतिक और कानूनी परिदृश्य को निर्देशित करते हैं, जिससे सच्चे अधिकार और न्याय कम हो जाते हैं।