नायक उसके विश्वास पर प्रतिबिंबित करता है कि दूसरों में निर्दयता निहित बदमाश के बजाय व्यक्तिगत संघर्षों से उपजी है। वह समझती है कि जो लोग नकारात्मक रूप से कार्य करते हैं, उनके व्यवहार को प्रभावित करने वाले गहरे मुद्दे होते हैं। यह परिप्रेक्ष्य निर्णय के बजाय सहानुभूति की भावना को बढ़ावा देता है।
वह कठिनाइयों का सामना करने वाले व्यक्तियों के प्रति दया की वकालत करती है, यह सुझाव देती है कि दया को तिरस्कार की जगह लेनी चाहिए। यह अंतर्दृष्टि मानव स्वभाव की उसकी समझ को दर्शाती है, दुख के जवाब में दयालुता के महत्व पर जोर देती है।