झूठा की सजा है, कम से कम नहीं कि वह विश्वास नहीं करता है, लेकिन वह किसी और पर विश्वास नहीं कर सकता है।


(The liar's punishment is, not in the least that he is not believed, but that he cannot believe anyone else.)

📖 George Bernard Shaw


🎂 July 26, 1856  –  ⚰️ November 2, 1950
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जॉर्ज बर्नार्ड शॉ के "द क्विंटेसेंस ऑफ इब्सनिज्म" में, लेखक ने बेईमानी के गहन निहितार्थों की पड़ताल की। वह इस बात पर जोर देता है कि झूठ बोलने का सही परिणाम दूसरों से अविश्वास से परे है। इसके बजाय, झूठा पीड़ित होता है क्योंकि वे खुद सहित किसी पर भी भरोसा करने की क्षमता खो देते हैं। यह विश्वास करने में असमर्थता वास्तविकता की उनकी धारणा को विकृत करती है और उन्हें दूसरों के साथ वास्तविक संबंध से अलग करती है।

शॉ की अंतर्दृष्टि धोखे के एक मौलिक मनोवैज्ञानिक प्रभाव पर प्रकाश डालती है। एक झूठा असत्य के एक वेब में फंस जाता है, जिससे अलगाव की गहन भावना होती है। उनके कार्य न केवल उनकी अखंडता को कम करते हैं, बल्कि विश्वास के लिए उनकी क्षमता को भी नुकसान पहुंचाते हैं, अंततः एक अकेला अस्तित्व बनाते हैं जहां वे हर रिश्ते की प्रामाणिकता पर सवाल उठाते हैं। सत्य और विश्वास की प्रकृति पर यह प्रतिबिंब मानवीय बातचीत की जटिलताओं और बेईमानी से जुड़ी नैतिक दुविधाओं के साथ प्रतिध्वनित होता है।

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अद्यतन
जनवरी 28, 2025

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