यह दासता मनुष्य में बदसूरत जुनून को जन्म देती है।
(This slavery breeds ugly passions in man.)
हर्मन मेलविले के "बेनिटो सेरेनो" से यह उद्धरण "मनुष्य में बदसूरत जुनून" प्रजनन करता है, जो मानव प्रकृति पर दासता के संक्षारक प्रभावों को पकड़ता है। यह बताता है कि दासता की संस्था न केवल गुलामों को अमानवीय करती है, बल्कि उन लोगों के नैतिक चरित्र को भी विकृत करती है जो इसे समाप्त करते हैं। गुलाम व्यक्तियों और उनके कैदियों के बीच संघर्ष इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे शक्ति और उत्पीड़न की गतिशीलता समाज के भीतर नैतिक क्षय और हिंसा को जन्म देती है।
इसके अलावा, "बेनिटो सेरेनो" की कथा इन रिश्तों की जटिलता को दर्शाती है, यह दिखाते हुए कि कैसे गुलामी न केवल शारीरिक नियंत्रण बल्कि मनोवैज्ञानिक उथल -पुथल को भी आमंत्रित करती है। मेलविले के इन विषयों की खोज से, इस तरह के दमनकारी वातावरण में उत्पन्न होने वाले मानव व्यवहार के गहरे पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए, अधीनता पर निर्मित समाज के निहित विरोधाभासों और विनाशकारी परिणामों का पता चलता है।