किसी पर भरोसा मत करो, सब कुछ टूट जाता है, कुछ भी विज्ञापित के अनुसार काम नहीं करता है, और यदि कुछ भी गलत हो सकता है, तो वह होगा।

किसी पर भरोसा मत करो, सब कुछ टूट जाता है, कुछ भी विज्ञापित के अनुसार काम नहीं करता है, और यदि कुछ भी गलत हो सकता है, तो वह होगा।


(trust no one, everything breaks, nothing works as advertised, and if anything can go wrong, it will.)

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"सैटर्न रन" में, जॉन सैंडफोर्ड प्रौद्योगिकी और मानव प्रकृति में अविश्वास के विषयों की पड़ताल करते हैं। कहानी पात्रों के इस एहसास के इर्द-गिर्द घूमती है कि वे किसी पर भरोसा नहीं कर सकते, क्योंकि स्वार्थ अक्सर विश्वास पर हावी होता है। पुस्तक एक सनकी दृष्टिकोण सुझाती है कि चीजें वादे के अनुसार काम नहीं कर सकती हैं, जो प्रणालियों और व्यक्तियों दोनों की अप्रत्याशितता को उजागर करती है।

इसके अलावा, सैंडफोर्ड इस विचार को रेखांकित करता है कि किसी भी उद्यम में विफलताएं अपरिहार्य हैं। उद्धरण यह सबक देता है कि सबसे खराब स्थिति के लिए तैयारी आवश्यक है क्योंकि हर चीज टूटने और जटिलताओं से ग्रस्त है। यह परिप्रेक्ष्य पाठक को ऐसी दुनिया में सतर्क और संशयवादी बने रहने की चुनौती देता है जहां उम्मीदें अक्सर वास्तविकता से अधिक होती हैं।

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अद्यतन
अगस्त 24, 2025

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