अपनी पुस्तक "सीवर द अनसीन" में, रैंडी अलकॉर्न में बर्क पार्सन्स का एक उद्धरण शामिल है जो प्रार्थना के मात्र कार्य के बजाय भगवान में विश्वास पर जोर देता है। कथन का सार इस विश्वास में निहित है कि जबकि मनुष्य शक्तिहीन महसूस कर सकते हैं, यह भगवान की अनंत शक्ति के माध्यम से है कि उनकी प्रार्थना महत्व प्राप्त करती है। यह परिप्रेक्ष्य प्रार्थना की प्रभावकारिता से स्वयं को दिव्य शक्ति तक केंद्रित करता है जो प्रार्थना को प्रभावशाली बनाने में सक्षम बनाता है।
उद्धरण इस विचार को रेखांकित करता है कि प्रार्थना केवल एक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि एक सर्वशक्तिमान ईश्वर के साथ एक संबंध है जो हमारे कमजोर प्रयासों को कुछ सार्थक में बदल सकता है। भगवान की कौशल पर भरोसा करते हुए मानव सीमाओं को स्वीकार करके, विश्वासियों को यह आश्वासन मिल सकता है कि उनकी प्रार्थनाएं वजन और उद्देश्य रखती हैं, जिसमें आध्यात्मिक गतिशील शामिल की गहरी समझ को आमंत्रित किया गया है।