डर कुछ नहीं! सुबह तक शांति हो! कोई रात के शोर नहीं!


(Fear nothing! Have peace until the morning! Heed no nightly noises!)

📖 J. R. R. Tolkien


🎂 January 3, 1892  –  ⚰️ September 2, 1973
(0 समीक्षाएँ)

साहित्य में, उद्धरण अक्सर गहन विषयों और भावनाओं को पकड़ते हैं। जे.आर.आर. टॉल्किन के शब्द "द लॉर्ड ऑफ द रिंग्स," "डर कुछ भी नहीं! सुबह तक शांति हो! साहस का एक मजबूत संदेश और भय के सामने आंतरिक शांति के महत्व को व्यक्त करें। यह उद्धरण चिंता और अज्ञात के खिलाफ सार्वभौमिक संघर्ष के लिए बोलता है, व्यक्तियों को चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भी शांति और बहादुरी खोजने के लिए प्रोत्साहित करता है।

टॉल्किन, अपनी समृद्ध कहानी के माध्यम से, दिखाता है कि कैसे आशा और लचीलापन अंधेरे पर प्रबल हो सकता है। उनका लेखन हमें याद दिलाता है कि रात में हम जो डर और अनिश्चितता का सामना करते हैं, उसके बावजूद, हमेशा एक नए दिन का वादा होता है। शांति को गले लगाना और भय को खारिज करना हमें भोर के प्रकाश में नए सिरे से ताकत और स्पष्टता के साथ अपनी चुनौतियों का सामना करने के लिए सशक्त बना सकता है।

Page views
9
अद्यतन
जनवरी 25, 2025

Rate the Quote

टिप्पणी और समीक्षा जोड़ें

उपयोगकर्ता समीक्षाएँ

0 समीक्षाओं के आधार पर
5 स्टार
0
4 स्टार
0
3 स्टार
0
2 स्टार
0
1 स्टार
0
टिप्पणी और समीक्षा जोड़ें
हम आपका ईमेल किसी और के साथ कभी साझा नहीं करेंगे।
और देखें »

Other quotes in पुस्तक उद्धरण