"द लॉस्ट आर्ट ऑफ़ कृतज्ञता" में, अलेक्जेंडर मैक्कल स्मिथ ने मिथक और वास्तविकता के बीच परस्पर क्रिया की पड़ताल की, यह सुझाव देते हुए कि मिथक सच्चे अनुभवों के रूप में अधिक जीविका प्रदान कर सकते हैं। उनका तर्क है कि हम जो कथाएँ बनाते हैं-चाहे कहानियों, परंपराओं, या विश्वासों के माध्यम से-दुनिया की हमारी समझ को आकार दे सकता है और हमारी भावनात्मक भलाई को प्रभावित कर सकता है।
स्मिथ इस बात पर जोर देते हैं कि कभी -कभी ये निर्मित मिथक उनके प्रभाव में वास्तविकता को पार कर सकते हैं। वे कनेक्शन, उद्देश्य और आराम की भावना प्रदान करते हैं, कहानी कहने की मानवीय आवश्यकता और हमारे जीवन में कल्पना की शक्तिशाली भूमिका को उजागर करते हैं।