जबकि उसकी रोटी मीठी रहती है, उसके उपन्यास उतने ही कड़वे हो सकते हैं जितना वह पसंद करता है।


(While his bread remains sweet, his novels may be as bitter as he likes.)

📖 John Dos Passos


🎂 January 14, 1896  –  ⚰️ September 28, 1970
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जॉन डॉस पासोस के काम में "रोसिनेंटे टू द रोड अगेन," वाक्यांश लेखक के व्यक्तिगत जीवन और उनके साहित्यिक प्रयासों के बीच संतुलन का सुझाव देता है। मीठी रोटी की संभावना का रूपक उनके सुखद अनुभवों और जीवन में जो पूर्ति पाता है, वह अपने उपन्यासों के माध्यम से उन गहरे विषयों के विपरीत है, जो उसके उपन्यासों के माध्यम से खोज करते हैं। यह द्वंद्व इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे एक लेखक जटिल, यहां तक ​​कि कठोर, अपनी कहानियों में कथाओं में देरी करते हुए अपने रोजमर्रा के जीवन में खुशी बनाए रख सकता है।

डॉस पासोस का तात्पर्य है कि रचनात्मकता में एक स्वतंत्रता है जो लेखकों को गहरी और कभी -कभी गहरे सत्य को व्यक्त करने की अनुमति देती है। जैसा कि वह जीवन की मिठास का आनंद लेता है, वह मुश्किल विषयों के बारे में लिखने के लिए अप्रभावित है, भावनात्मक अभिव्यक्ति और समालोचना के लिए जगह छोड़ रहा है। यह इस धारणा को रेखांकित करता है कि एक लेखक के अनुभव और भावनाएं सह -अस्तित्व में आ सकती हैं, उनकी कहानी को समृद्ध कर सकती हैं और मानव अनुभवों की प्रामाणिक अन्वेषण की अनुमति दे सकती हैं।

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अद्यतन
जनवरी 24, 2025

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