इस तरह के लोगों के साथ हमें सभ्यता की निराशा की आवश्यकता नहीं है
(With people like that we needn't despair of civilisation)
"वन मैन की दीक्षा -1917" में, जॉन डॉस पासोस व्यक्तिगत मानव आत्मा और दृढ़ संकल्प के लेंस के माध्यम से सभ्यता के लचीलापन पर एक सम्मोहक दृश्य प्रस्तुत करता है। उद्धरण उन लोगों के महत्व पर जोर देता है जो आशा को प्रेरित करते हैं और सकारात्मक परिवर्तन को बढ़ाते हैं, यह सुझाव देते हैं कि उनकी उपस्थिति समाज के गहरे पहलुओं को असंतुलित कर सकती है। कथा अराजकता के बीच आशावाद की भावना को व्यक्त करती है, यह संकेत देते हुए कि जब तक ऐसे व्यक्ति हैं जो शक्ति और अखंडता का प्रतीक हैं, सभ्यता सहन कर सकती है और पनप सकती है। यह विचार पाठकों को अपने और दूसरों के भीतर क्षमता को पहचानने के लिए प्रोत्साहित करता है कि वे एक उज्जवल भविष्य में योगदान करें, जिससे प्रगति के लिए मानवता की क्षमता में विश्वास को मजबूत किया जा सके।
"वन मैन की दीक्षा -1917" में, जॉन डॉस पासोस व्यक्तिगत मानव आत्मा और दृढ़ संकल्प के लेंस के माध्यम से सभ्यता के लचीलापन पर एक सम्मोहक दृश्य प्रस्तुत करता है। उद्धरण उन लोगों के महत्व पर जोर देता है जो आशा को प्रेरित करते हैं और सकारात्मक परिवर्तन को बढ़ाते हैं, यह सुझाव देते हैं कि उनकी उपस्थिति समाज के गहरे पहलुओं को असंतुलित कर सकती है।
कथा अराजकता के बीच आशावाद की भावना को व्यक्त करती है, यह संकेत देते हुए कि जब तक ऐसे व्यक्ति हैं जो ताकत और अखंडता का प्रतीक हैं, सभ्यता सहन कर सकती है और पनप सकती है। यह विचार पाठकों को अपने और दूसरों के भीतर क्षमता को पहचानने के लिए प्रोत्साहित करता है कि वे एक उज्जवल भविष्य में योगदान करें, प्रगति के लिए मानवता की क्षमता में विश्वास को मजबूत करें।