उसने मेरे कान में फुसफुसाकर भी कहा: तुम्हें कष्ट होता है; तुम्हें और अधिक कष्ट होगा. लेकिन इस बार मैं आपके पक्ष में हूं. तुम मुक्त हो जाओगे. आप करेंगे, मैं आपसे वादा करता हूँ।
(He even whispered in my ear: You suffer; you will suffer more. But this time I am on your side. You will be free. You will, I promise you.)
हेनरी चारिअर द्वारा लिखित "पैपिलॉन" में, नायक अपनी परिस्थितियों में फंसा हुआ महसूस करते हुए, गहन पीड़ा और कठिनाई का अनुभव करता है। उसके लचीलेपन की परीक्षा तब होती है जब वह कारावास और स्वतंत्रता के संघर्ष की क्रूर वास्तविकताओं का सामना करता है। कहानी उसकी भावनात्मक उथल-पुथल को दर्शाती है, मुक्ति की आशा से चिपके रहने के दौरान उसके दर्द को दर्शाती है।
पुस्तक में एक महत्वपूर्ण क्षण तब आता...