...मैंने सोचा, मैं इस दुनिया में हूं, लेकिन अब इस दुनिया का नहीं हूं।

...मैंने सोचा, मैं इस दुनिया में हूं, लेकिन अब इस दुनिया का नहीं हूं।


(... I thought, I am in this world, but no longer of this world.)

(0 समीक्षाएँ)

"द थाउजेंड ऑटम्स ऑफ जैकब डी ज़ोएट" में, लेखक डेविड मिशेल दुनिया में उनके स्थान पर चरित्र के प्रतिबिंबों के माध्यम से अपनेपन और अलगाव के विषयों की खोज करते हैं। उद्धरण, "मैंने सोचा, मैं इस दुनिया में हूं, लेकिन अब इस दुनिया का नहीं हूं," अस्तित्वगत अलगाव की भावना को समाहित करता है, जहां व्यक्ति शारीरिक रूप से मौजूद महसूस करता है, लेकिन आध्यात्मिक रूप से अपने परिवेश और समाज से दूर हो जाता है।

दुनिया का हिस्सा होने के साथ-साथ अलग-थलग महसूस करने की यह धारणा पूरी कथा में गहराई से गूंजती है। यह बाहरी चुनौतियों के बीच किसी की पहचान से जूझने के आंतरिक संघर्ष पर प्रकाश डालता है और दर्शाता है कि कैसे व्यक्तिगत अनुभव परिचित वातावरण में भी अलगाव की गहरी भावना पैदा कर सकते हैं।

Page views
78
अद्यतन
मई 22, 2025

Rate the Quote

टिप्पणी और समीक्षा जोड़ें

उपयोगकर्ता समीक्षाएँ

0 समीक्षाओं के आधार पर
5 स्टार
0
4 स्टार
0
3 स्टार
0
2 स्टार
0
1 स्टार
0
टिप्पणी और समीक्षा जोड़ें
हम आपका ईमेल किसी और के साथ कभी साझा नहीं करेंगे।