अधिक संगति से सुख बढ़ता है, परंतु दुख हल्का या कम नहीं होता।

अधिक संगति से सुख बढ़ता है, परंतु दुख हल्का या कम नहीं होता।


(More company increases happiness, but does not lighten or diminish misery.)

📖 Thomas Traherne


(0 समीक्षाएँ)

उद्धरण से पता चलता है कि हालांकि सामाजिक संपर्क और साहचर्य हमारी समग्र खुशी को बढ़ा सकते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि वे हमारे गहन संघर्षों या पीड़ा को कम या तीव्र करें। यह इस विचार पर प्रकाश डालता है कि संगति जैसे बाहरी कारक हमारे मूड को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन दुख की आंतरिक गहराई भी होती है जो संगति से अप्रभावित रहती है। इसे पहचानने से हमें व्यक्तिगत विकास और उपचार के अन्य साधनों के साथ सामाजिक संबंधों को संतुलित करने में मदद मिल सकती है। सच्ची भलाई के लिए हमारी बाहरी परिस्थितियों से स्वतंत्र हमारे आंतरिक भावनात्मक परिदृश्य को संबोधित करने की आवश्यकता हो सकती है।

Page views
0
अद्यतन
दिसम्बर 30, 2025

Rate the Quote

टिप्पणी और समीक्षा जोड़ें

उपयोगकर्ता समीक्षाएँ

0 समीक्षाओं के आधार पर
5 स्टार
0
4 स्टार
0
3 स्टार
0
2 स्टार
0
1 स्टार
0
टिप्पणी और समीक्षा जोड़ें
हम आपका ईमेल किसी और के साथ कभी साझा नहीं करेंगे।