कुछ भी नहीं मनुष्यों को तर्कहीन करने की उनकी इच्छा से बेहतर है
(Nothing defines humans better than their willingness to do irrationa)
स्कॉट एडम्स का सुझाव है कि मानवता का एक मूल पहलू तर्कसंगत रूप से कार्य करने के लिए हमारा झुकाव है। यह प्रवृत्ति अक्सर व्यक्तियों को ऐसे निर्णय लेने के लिए प्रेरित करती है जो तर्क या कारण को धता बताते हैं। ऐसा व्यवहार मानवीय भावनाओं और प्रेरणाओं की जटिल प्रकृति को दर्शाता है, जो तथ्यात्मक सटीकता या तार्किक तर्क पर व्यक्तिगत मान्यताओं को प्राथमिकता दे सकता है।
यह विचार मानव व्यवहार की अप्रत्याशितता को रेखांकित करता है, यह दर्शाता है कि भावनाएं कैसे उन कार्यों को चला सकती हैं जो लाभकारी या समझदार नहीं हो सकती हैं। यह इस धारणा को चुनौती देता है कि मनुष्य हमेशा तर्कसंगत प्राणी होते हैं, हमारी पसंद और अनुभवों को परिभाषित करने में तर्कहीनता के महत्व को उजागर करते हैं।