ओ डैथ, वेयर इज़ दायी स्टिंग? आदमी कभी समय पर नहीं होता है ...
(O death where is thy sting? The man is never on time...)
उद्धरण "ओ डेथ कहाँ है तेरा स्टिंग? द मैन इज़ नेवर ऑन टाइम ..." विलियम एस। बरोज़ के उपन्यास "नेकेड लंच" से मृत्यु दर और मानव स्थिति पर एक गहरा प्रतिबिंब को घेरता है। मौत के स्टिंग पर सवाल उठाते हुए, वक्ता ने मृत्यु की अनिवार्यता के साथ टकराव का सुझाव दिया और अस्तित्वगत भय यह है। "द मैन इज़ नेवर ऑन टाइम" के अलावा आधुनिक जीवन की आलोचना कर सकता...