वहाँ अभी भी आशा है।


(There is still hope.)

📖 J. R. R. Tolkien


🎂 January 3, 1892  –  ⚰️ September 2, 1973
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J.R.R से बोली "अभी भी आशा है"। टॉल्किन की "द फैलोशिप ऑफ द रिंग" कथा में एक केंद्रीय विषय का प्रतीक है। कहानी के दौरान, पात्रों को भारी चुनौतियों और सख्त स्थितियों का सामना करना पड़ता है जो दुर्गम लगते हैं। हालांकि, यह मार्मिक प्रतिज्ञान लचीलापन और मोचन की क्षमता की याद के रूप में कार्य करता है, जो उस प्रकाश को प्रतिबिंबित करता है जो अंधेरे समय में भी बनी रह सकती है।

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अद्यतन
जनवरी 25, 2025

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