दर्द के बिना कोई खुशी नहीं है और बारिश के बिना धूप नहीं है। मैं वादा करता हूँ कि मैंने जानबूझकर वह कविता नहीं बनाई!

दर्द के बिना कोई खुशी नहीं है और बारिश के बिना धूप नहीं है। मैं वादा करता हूँ कि मैंने जानबूझकर वह कविता नहीं बनाई!


(There's no joy without pain and there's no sunshine without rain. I didn't make that rhyme on purpose, I promise!)

📖 Benny the Butcher


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यह उद्धरण हमें याद दिलाता है कि पीड़ा और चुनौतियाँ स्वाभाविक रूप से खुशी और विकास से जुड़ी हुई हैं। कभी-कभी, हम कठिनाइयों के बिना पूर्णता की कामना कर सकते हैं, लेकिन कठिनाइयों का अनुभव किए बिना, हम अच्छे समय की पूरी तरह से सराहना नहीं कर सकते हैं। खुशी और दर्द दोनों को जीवन के संतुलन के हिस्से के रूप में अपनाने से हमें लचीलापन और कृतज्ञता विकसित करने की अनुमति मिलती है। कविता की चंचल स्वीकृति एक हल्का-फुल्का स्वर जोड़ती है, जिससे पता चलता है कि जीवन के अपरिहार्य उतार-चढ़ाव को हास्य और स्वीकृति के साथ भी देखा जा सकता है।

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दिसम्बर 30, 2025

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