मैंने शेख अब्द रब्बू अल-ताई से पूछा: -क्या आप इतने आशावादी क्यों हैं? उसने जवाब दिया: - क्योंकि हम अभी भी सुंदर शब्दों की प्रशंसा करते हैं, भले ही हम उन पर कार्रवाई न करें।


(I asked Sheikh Abd Rabbuh al-Ta’i: -Why are you so optimistic? He replied: - Because we still admire beautiful words, even if we do not act on them.)

📖 Naguib Mahfouz


🎂 December 11, 1911  –  ⚰️ August 30, 2006
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नागुइब महफूज़ की पुस्तक "इकोस ऑफ ऑटोबायोग्राफी" में, लेखक शेख अब्द रब्बु अल-ताई के साथ बातचीत में संलग्न है। यह चर्चा आशावाद के विषय के इर्द -गिर्द घूमती है, जिससे शेख के सकारात्मक दृष्टिकोण के स्रोतों की जांच होती है। उनकी प्रतिक्रिया ने स्पष्ट अभिव्यक्तियों और सुंदर शब्दों के लिए एक गहरी प्रशंसा पर प्रकाश डाला, यह सुझाव देते हुए कि यह प्रशंसा कार्रवाई की अनुपस्थिति में भी आशा की भावना को बढ़ावा देती है।

यह बातचीत मानव प्रकृति में एक दिलचस्प अंतर्दृष्टि को प्रकट करती है, जहां काव्य भाषा और विचारशील विचारों का आनंद केवल सकारात्मकता और प्रेरणा की भावना को प्रेरित कर सकता है। शब्दों में व्यक्त किए गए आदर्शों और वास्तविकता में किए गए कार्यों के बीच डिस्कनेक्ट को पहचानने के बावजूद, शेख आशावादी बनी हुई है, आत्मा को उत्थान के लिए भाषा में सौंदर्य की स्थायी शक्ति पर जोर देती है।

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अद्यतन
जनवरी 24, 2025

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