जॉन सैंडफोर्ड की पुस्तक "डेडलाइन" के उद्धरण से पता चलता है कि वर्णित चरित्र में खुद को दुर्भाग्यपूर्ण या विडंबनापूर्ण स्थितियों में खोजने की आदत है, चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों। यह अभिव्यक्ति एक निश्चित अयोग्यता या दुर्भाग्य को उजागर करती है जो उसका पीछा करती दिखती है। इस्तेमाल की गई कल्पना से पता चलता है कि वह खुशी या खुशी से भरी स्थिति में हो सकता है, फिर भी खाली या असंतुष्ट होकर वापस आ सकता है।
इस तरह का चरित्र-चित्रण कथा में हास्य और गहराई जोड़ता है, जिससे पता चलता है कि कैसे कुछ व्यक्ति अनुकूल वातावरण में भी हमेशा पनपने में असमर्थ लगते हैं। लेखक ने कुशलतापूर्वक इस विचार को एक ज्वलंत और यादगार रूपक के माध्यम से व्यक्त किया है, जिससे पाठक चरित्र की दुर्दशा से संबंधित तरीके से जुड़ सकते हैं।