रूस में लोगों का पालन-पोषण कठोरता से किया गया है। यह सोवियत संघ हुआ करता था। जब हर कोई रूस के बारे में सोचता है तो वह यही सोचता है कि लोग कितने सख्त हैं।

रूस में लोगों का पालन-पोषण कठोरता से किया गया है। यह सोवियत संघ हुआ करता था। जब हर कोई रूस के बारे में सोचता है तो वह यही सोचता है कि लोग कितने सख्त हैं।


(In Russia, the people have been brought up tough. It used to be the Soviet Union. The thing everybody thinks of when they think about Russia is how tough the people are.)

📖 Artem Lobov


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यह उद्धरण प्रतिकूल परिस्थितियों और कठिन परिस्थितियों के इतिहास से निर्मित रूसी लोगों के लचीलेपन और ताकत पर प्रकाश डालता है। कठिन वातावरण में पले-बढ़े, उनके चरित्र को चुनौतियों का सामना करने के लिए ढाला गया है। यह कठोरता की एक सांस्कृतिक धारणा को रेखांकित करता है जो ऐतिहासिक कठिनाइयों और राष्ट्रीय पहचान दोनों को दर्शाती है। ऐसा लचीलापन अक्सर गर्व और दृढ़ता को बढ़ावा देता है, जिससे व्यक्ति उन कठिनाइयों को सहन करने में सक्षम हो जाता है जो दूसरों पर भारी पड़ सकती हैं। यह धारणा इस बात को भी प्रभावित कर सकती है कि रूसी खुद को कैसे देखते हैं और दूसरे उन्हें विदेशों में कैसे देखते हैं, उनकी पहचान के मुख्य पहलुओं के रूप में धैर्य और धीरज पर जोर दिया जाता है।

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अद्यतन
दिसम्बर 27, 2025

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