तनाव के तहत पुरुष मूर्ख हैं, और खुद को मूर्ख बनाते हैं।
(Men under stress are fools, and fool themselves.)
माइकल क्रिच्टन की पुस्तक "द एंड्रोमेडा स्ट्रेन" में, लेखक मानव व्यवहार पर तनाव के प्रभाव की पड़ताल करता है। उनका सुझाव है कि दबाव में, पुरुष मूर्खतापूर्ण कार्य करते हैं, अक्सर उन्हें खुद को धोखा देने के लिए प्रेरित करते हैं। यह आत्म-धोखे से निर्णय लेने और निर्णय लेने में कमी हो सकती है, जिससे संकटों का प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करना मुश्किल हो जाता है। क्रिक्टन इस बात पर जोर देते हैं कि उच्च-तनाव स्थितियों के दबाव व्यक्तियों में तर्कहीन सोच और व्यवहार को प्रेरित कर सकते हैं। इन विषयों की जांच करके, कथा दिखाती है कि तनाव कैसे धारणाओं को ताना -बगल कर सकता है और गलतियों को जन्म दे सकता है, जिसके महत्वपूर्ण परिदृश्यों में गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
माइकल क्रिच्टन की पुस्तक "द एंड्रोमेडा स्ट्रेन" में, लेखक मानव व्यवहार पर तनाव के प्रभाव की पड़ताल करता है। उनका सुझाव है कि दबाव में, पुरुष मूर्खतापूर्ण कार्य करते हैं, अक्सर उन्हें खुद को धोखा देने के लिए प्रेरित करते हैं। यह आत्म-धोखे से निर्णय लेने और निर्णय लेने में कमी हो सकती है, जिससे संकटों का प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करना मुश्किल हो जाता है।
क्रिक्टन इस बात पर जोर देते हैं कि उच्च-तनाव स्थितियों के दबाव व्यक्तियों में तर्कहीन सोच और व्यवहार को प्रेरित कर सकते हैं। इन विषयों की जांच करके, कथा दिखाती है कि तनाव कैसे धारणाओं को ताना -बगल कर सकता है और गलतियों को जन्म दे सकता है, जिसके महत्वपूर्ण परिदृश्यों में गंभीर परिणाम हो सकते हैं।