पूरा समाज इल्लियों से ढकी पत्तागोभी के डंठल की तरह है और जब तक वह रेंगकर शीर्ष पर नहीं पहुंच जाता, तब तक कोई भी संतुष्ट नहीं होता।

पूरा समाज इल्लियों से ढकी पत्तागोभी के डंठल की तरह है और जब तक वह रेंगकर शीर्ष पर नहीं पहुंच जाता, तब तक कोई भी संतुष्ट नहीं होता।


(The whole of society is like a cabbage-stalk covered with caterpillars, and none is satisfied till it has crawled to the top.)

📖 Sabine Baring-Gould


🎂 January 28, 1834  –  ⚰️ January 2, 1924
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यह ज्वलंत रूपक समाज के भीतर स्थिति और शक्ति की निरंतर खोज पर प्रकाश डालता है। हर कोई एक कैटरपिलर के समान है, जो अक्सर दूसरों की या संतुष्टि की कीमत पर, डंठल पर ऊपर चढ़ने के लिए प्रेरित होता है। यह इस पर चिंतन को आमंत्रित करता है कि कैसे सामाजिक संरचनाएं अतृप्त महत्वाकांक्षा को प्रोत्साहित करती हैं, जिससे एक ऐसा चक्र शुरू होता है जहां व्यक्ति कभी भी संतुष्ट नहीं होते हैं, हमेशा अगले पायदान की तलाश में रहते हैं। यह कल्पना प्रतिस्पर्धा के माध्यम से गठित एक प्राकृतिक पदानुक्रम का सुझाव देती है, जो प्रभुत्व और मान्यता के लिए प्रयास करने की मानवीय प्रवृत्ति पर जोर देती है। इसे पहचानने से निरंतर आरोहण पर संतोष और सहानुभूति की अधिक सचेत खोज को प्रेरित किया जा सकता है।

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अद्यतन
दिसम्बर 29, 2025

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