जब मैंने 'कैंडी फ्लॉस' प्रस्तुत किया था, तो मैं बहुत घबरा गया था... मैंने पहले एक गैर-काल्पनिक कार्यक्रम किया था - सुनीता मेनन के साथ 'कोस्मिक चैट'। लेकिन इससे मैं सचमुच डर गया था।

जब मैंने 'कैंडी फ्लॉस' प्रस्तुत किया था, तो मैं बहुत घबरा गया था... मैंने पहले एक गैर-काल्पनिक कार्यक्रम किया था - सुनीता मेनन के साथ 'कोस्मिक चैट'। लेकिन इससे मैं सचमुच डर गया था।


(When I had introduced 'Kandy Floss,' I was a bundle of nerves... I had done a non-fiction programme before - 'Kosmiic Chat' with Sunita Menon. But this one I was really scared of.)

📖 Ekta Kapoor


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यह उद्धरण अतीत में इसी तरह की चुनौतियों से निपटने के बाद भी अपरिचित क्षेत्र में कदम रखने पर अनुभव की जाने वाली आशंका और भेद्यता पर प्रकाश डालता है। 'कैंडी फ्लॉस' पेश करने से पहले घबराहट महसूस करने के बारे में वक्ता की ईमानदारी विकास के मानवीय पहलू और अज्ञात के लगातार डर पर जोर देती है। यह हमें याद दिलाता है कि बहादुरी का मतलब डर का अभाव नहीं है, बल्कि नए अवसरों की तलाश में उस पर काबू पाना है। व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए ऐसी भावनाओं को अपनाना आवश्यक है, क्योंकि यह व्यक्तियों को नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए उनके आराम क्षेत्र से बाहर धकेलती है।

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दिसम्बर 30, 2025

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