और अकेले रोटी से नहीं, एक व्यक्ति रहता है!


(And not by bread alone, a person lives!)

📖 Naguib Mahfouz


🎂 December 11, 1911  –  ⚰️ August 30, 2006
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नागुइब महफूज़ का काम "बटेर और शरद ऋतु" मानव अस्तित्व की जटिलता की पड़ताल करता है, इस बात पर जोर देते हुए कि जीवन भोजन जैसी शारीरिक जरूरतों से अधिक शामिल है। उद्धरण "और अकेले रोटी से नहीं, एक व्यक्ति रहता है!" भावनात्मक और आध्यात्मिक पोषण के महत्व को दर्शाता है, यह सुझाव देता है कि तृप्ति एक समृद्ध आंतरिक जीवन और केवल अस्तित्व से परे सार्थक कनेक्शन से आती है।...

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अद्यतन
जनवरी 24, 2025

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