एक फिल्म की सफलता फिल्म निर्माता को अपनी सफलताओं को दोहराने और खुद से प्रतिस्पर्धा करने के लिए प्रेरित कर सकती है। कोई भी समय-समय पर मिलने वाली सफलताओं पर ध्यान नहीं दे सकता। आपको इसे एक अस्थायी, गुजर जाने वाली चीज़ के रूप में देखना होगा।
(The success of one film may convince the filmmaker to try to repeat his successes and get into a competition with himself. One cannot dwell on periodic successes. You have to look at it as a temporary, passing thing.)
यह उद्धरण सफलता की क्षणभंगुर प्रकृति पर प्रकाश डालता है और फिल्म निर्माताओं को आत्मसंतुष्टि से बचने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह सुझाव देता है कि केवल पिछली उपलब्धियों पर निर्भर रहने से आत्म-प्रतिस्पर्धा का चक्र शुरू हो सकता है, जो रचनात्मक विकास में बाधा बन सकता है। विफलता को स्वीकार करना और सफलता को क्षणिक मानना लचीलापन और नवीनता को बढ़ावा देता है। कलाकारों के लिए, क्षणिक जीत से अत्यधिक जुड़े रहने के बजाय विनम्रता बनाए रखना और निरंतर सुधार पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। यह मानसिकता एक स्वस्थ रचनात्मक प्रक्रिया को बढ़ावा देती है जहां प्रगति को अस्थायी लाभ से अधिक महत्व दिया जाता है।