आलोचक एक दृष्टि से प्रतिभाशाली होता है; वह मंच पर एक अभिनेता से भिन्न नहीं है, और उसके मन में उसी तरह अवतरित होता है, जैसे एक अभिनेता अपने व्यक्तित्व में, दूसरे के काम में अवतरित होता है; केवल इसी प्रकार वह कला को समझता है, उसका एहसास करता है, उसे जानता है; और इस पर पहुंचने पर, उसका कार्य पूरा हो गया।

आलोचक एक दृष्टि से प्रतिभाशाली होता है; वह मंच पर एक अभिनेता से भिन्न नहीं है, और उसके मन में उसी तरह अवतरित होता है, जैसे एक अभिनेता अपने व्यक्तित्व में, दूसरे के काम में अवतरित होता है; केवल इसी प्रकार वह कला को समझता है, उसका एहसास करता है, उसे जानता है; और इस पर पहुंचने पर, उसका कार्य पूरा हो गया।


(The critic is a genius at one remove; he is not unlike an actor on the stage, and incarnates in his mind, as the actor embodies in his person, another's work; only thus does he understand art, realize it, know it; and having arrived at this, his task is done.)

📖 George Edward Woodberry


🎂 May 12, 1855  –  ⚰️ January 2, 1930
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यह उद्धरण आलोचकों और रचनाकारों के बीच घनिष्ठ संबंध पर प्रकाश डालता है, इस बात पर जोर देता है कि आलोचक कला को सही मायने में समझने और उसकी सराहना करने के लिए काम को अपने दिमाग में प्रभावी ढंग से 'अवतार' देते हैं। यह सुझाव देता है कि कला में वास्तविक अंतर्दृष्टि अलग-अलग विश्लेषण के बजाय अभिनय के समान गहन और सहानुभूतिपूर्ण जुड़ाव से आती है। आलोचक दुभाषियों के रूप में काम करते हैं, मानसिक अवतार के माध्यम से एक टुकड़े के सार को प्रकाश में लाते हैं, जो बदले में समृद्ध समझ और सराहना को सक्षम बनाता है। यह उस नाजुक संतुलन की ओर भी संकेत करता है जिसे आलोचकों को बनाए रखना चाहिए - मूल्यांकन करने के लिए अलग खड़े रहना, फिर भी मानसिक रूप से ऐसा सार्थक करने की कला का अभ्यास करना।

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दिसम्बर 30, 2025

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